सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए कुछ अहम बातें।
भारत में पढ़ने वाले लगभग हर छात्र का सपना होता है कि वह सिविल सेवा परीक्षा को पास कर सिविल सेवक बने और सामाजिक सुधार और विकास में अपना योगदान दे सकें। हर साल हजारों छात्र परीक्षा में बैठते हैं कुछ की उम्मीदों को पंख भी लगते हैं साथ ही कुछ छात्र फिर से तैयारी में जुट जाते हैं इस वर्ष भी संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रिलिम्नरी, मेन्स और साक्षात्कार पर्सनैलिटी टेस्ट के लिए छात्र ने तैयारी शुरू कर दी है । जो पहले यह परीक्षा दे रहे हैं या फिर नए छात्र हैं, उनके लिए जरूरी है कि वे परीक्षा की तैयारी की मजबूत रणनीति बनाए ताकि कम समय में पूरा सिलेबस अच्छे से पूरा किया जा सके। जाने कुछ उपयोगी रणनीतियों के बारे में।
विश्वसनीय स्रोत-
अध्ययन के लिए जितना हो सके विश्वसनीय स्रोत की मदद लेनी चाहिए। एनसीईआरटी की किताबें कक्षा छठी से
बारहवीं तक इस परीक्षा की तैयारी के लिए बेहतर साबित होगी आधारभूत समझ बढ़ाने के लिए इन किताबों का
कोई विकल्प नहीं है। गत वर्षों के प्रश्नों का अवलोकन करने से पता चलता है कि लोक सेवा आयोग अभ्यार्थी की
अवधारणात्मक समझ की परीक्षा करता है।
प्रारंभिक परीक्षा पर ध्यान।
सिविल सेवा परीक्षा का अहम पड़ाव होती है प्रारंभिक परीक्षा।इसमें 200- 200 अंकों के दो प्रश्न पत्र आते हैं जिनकी
समयावधि 2-2 घंटे की होगी। पहला पेपर, सामान्य अध्ययन का होगा जिसमें इतिहास, भूगोल, राजव्यवस्था,
सामान्य विज्ञान अर्थव्यवस्था, पर्यावरण एवं सामयिक घटनाओं से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। हर प्रश्न के लिए 2 अंक
निर्धारित है और प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1/3 अंक काटे जाएंगे। वहीं दूसरा पेपर जनरल स्टडीज का होगा।
इसमें बोधगम्यता, संचार कौशल के अलावा अंतर वैयक्तिक कौशल, तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता,
निर्णयन और समस्या समाधान व सामान्य मानसिक योग्यता से जुड़े प्रश्न पूछे जाएंगे।
ध्यान रखें :-
हालांकि इस परीक्षा के प्रश्न वस्तुनिष्ठ प्रकार के होते हैं लेकिन तैयारी के समय ध्यान रखें कि तथ्यों के साथ-साथ
अवधारणात्मक रूप से भी सिलेबस को समझे। किसी भी प्रकार के शाॅर्टकट को ना अपनाएं।
परीक्षा तैयारी की रूपरेखा-
बात चाहे प्रारंभिक परीक्षा की हो या मुख्य परीक्षा, मुख्य बात ध्यान में रखनी है कि किसी भी टॉपिक को रटने की
बजाय समझने की कोशिश करें। इस दौरान सबसे पहले अपने कमजोर और मजबूत पक्ष को समझे, फिर उसी
अनुसार तैयारी की रूपरेखा को तय करें। एक बार पहले विषय का पठन और नोटस बनाना हो जाए तो ही दूसरे
विषय की ओर रुख करें ।हालांकि इस विषय को पढ़ने, समझने और नोट्स बनाने के साथ-साथ पहले विषय का
रिवीजन भी समय-समय पर जरूरी है । इसके लिए उसे संबंधित प्रश्नों का हल करना उचित रहेगा ।इससे
आत्मविश्वास बढ़ेगा साथ ही विषय पर पकड़ भी मजबूत होगी। इसके लिए आप रोजाना कम से कम 45 मिनट का
समय दें। ध्यान रखें कि जो भी पढ़े, ठोस पढ़े यानी कि तथ्यों की बारिकी से अवश्य परिचित रहे ताकि सही उत्तर
चुनते मिलते- जुलते विकल्पों से भी कंफ्यूजन ना हो साथ ही तथ्यों को याद रखने मे दिक्कत ना हो।
घर बैठे ऐसे कर सकते हैं तैयारी..
1. मानक पुस्तकों की एक सूची बनाएं जो आपके पास होनी चाहिए। यह किसी भी रूप में उपलब्ध हो सकती है
फिर चाहे हार्ड कॉपी हो या सॉफ्ट कॉपी।
2. तैयारी उस विषय से शुरू करें, जिसमें आपकी रुचि है, ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि यह तैयारी को प्रारंभिक
तेजी देगा और आपकी प्रेरणा के स्तर को ऊंचा रखेगा। सुनिश्चित करें कि अपनी कॉपी में ही नोट्स बनाएं।
3.आप हर दिन या हर दो दिन या हर हफ्ते नोट्स बना सकते हैं। यदि आप हफ्ते में एक बार करने की योजना बना
रहे हैं तो आपके लिए संबंधित विषय को खोजना और फिर एक समेकित सीट बनाना आसान होगा। नोट्स बनाते
समय जब आप एक प्रवाह में आ जाते हैं तो अखबारों को नियमित रूप से पढ़ना शुरू करें।
5. करंट अफेयर्स के लिए विशेष रूप से अलग से एक कॉपी बनाएं।
इन मुद्दों पर भी गौर करें।
इस परीक्षा में सबसे अधिक दबाव समय सीमा को लेकर होता है क्योंकि आपको 100 प्रश्नों को मात्र 120 मिनट में
हल करना होता है। यानी कि औसतन प्रत्येक प्रश्न को हल करने के लिए आपके पास मात्र 40 सेकंड का समय
होता है। इसलिए समय सीमा में रहते हुए प्रश्नों को हल करने की प्रैक्टिस जरूर करें। जो प्रश्न सबसे आसान लगे,
उसे एक बार दोबारा जरूर देख लें क्योंकि इन प्रश्नों को हल करने के दौरान गलती होने की आंशका होती है।
इसके अलावा खुद को जितना हो सके, फोकस रखें। बार-बार कन्फ्यूजन होने से गलती हो सकती है।
epothi पर उपलब्ध ये जानकारी आपको कैसी लगी हमें काॅमेट कर अवश्य बताएं।
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