दिल का रखे ख़्याल।
दिल की बीमारियां इन दिनों आम हो चुकी हैं। तांबा दिल की बीमारी के जोखिम को कम कर सकता है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, तांबे ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कनों को नियंत्रित रखने में मदद करता है। साथ ही साथ, कोलेस्ट्रॉल कम करता है। इसलिए अगर आपको दिल की बीमारी है। या फिर आप इस बीमारी के जोखिम से हमेशा के लिए बचना चाहते हाे तो हमेशा तांबे के बर्तन में रखा ही पानी पियें। जो आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी हैै।
पाचन क्रिया को बनाता है बेहतर।एसीडिटी बनने और खाना न पचने की दिक्कत बहुत आम समस्याएं हैं। तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से इन सभी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। क्योकि तांबे में ऐसे तत्व पाये जाते है। जो नुकसानदायक बैक्टीरिया को खत्म कर देते हैै। और पेट की सूजन मिटाते है। अल्सर, अपच और इंफेक्शन जैसी पेट की समस्याओं के लिए ये एक असरदार उपाय है। आयुर्वेद के अनुसार पेट के रोग मिटाने के लिए रात भर तांबे के बर्तन में रखे पानी को सुबह खाली पेट पीना चाहिए। जिससे पेट के रोगो से छुटकारा पाया जा सकता है।
वजन घटाने में मदद।वजन कम करने के लिए असरदार माने जाने वाले फाइबरयुक्त चीजें खाने के पश्चात भी अगर आपका वजन कम नहीं होता तो नियमित रूप से तांबे के बर्तन में रखे पानी को पियें। इस पानी के सेवन करने से आपके शरीर की चर्बी कम होगी। जिससे मोटापा कम व वजन घटाया जा सकता है।
मस्तिष्क के लिए अमृत।एक तंत्रिका कोशिका के दूसरे तंत्रिका कोशिका तक संदेश पहुंचाने से ही हमारा दिमाग काम कर पाता है। ये तंत्रिका कोशिकाएं मायलिन नाम के आवरण से ढंकी हुई होती है। जो इनकी संदेश पहुंचाने के काम में मदद करता है। तांबा इस मायलिन आवरण के तैयार होने में मदद करता है। जो हमारें मस्तिष्क के लिए बहुत ही लाभकारी है।
बैक्टीरिया का सफाया।तांबे में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो बहुत प्रभावी रूप से बैक्टीरिया का सफाया कर देते हैं। खासतौर पर ईकोली पर अपना असर दिखाते हैं जो हमारे पर्यावरण में पाए जाते हैं तो हमारे शरीर में प्रवेश करके उसे नुकसान पहुंचाते हैं। तांबे वाला पानी पीलिया, हैजा आदि बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है। अगर आपको लगता है कि आपका पानी पूरी तरह से शुद्ध नहीं है तो उसे तांबे के बर्तन में रात भर रखने के बाद इस्तेमाल करें।
एजिंग की रफ्तार कम करना।
अगर आ चेहरे पर आती झुर्रियों से परेशान हैं तो तांबा आपके लिए प्राकृतिक उपचार साबित हो सकता है। बहुत उच्च मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट होने और कोशिका निर्माण की क्षमता की वजह से तांबा फ्री रेडिकल्स का सफाया करता है जो कि झुर्रियों का मुख्य कारण है। साथ ही इससे तांबे की मदद से पुरानी कोशिकाओं की जगह नई कोशिकाएं ले लेती हैं।
त्वचा के लिए फायदेमंद।आंखों, बालों व त्वचा के रंग को बेहतर बनाने वाला पिगमेंट मिलेनिन होता है। मिलेनिन त्वचा को सन डैमेज और निशानों से बचाता है। तांबा इसके निर्माण के लिए मुख्य घटक होता है। इसके अलावा, तांबा त्वचा की नई कोशिकाओं के निर्माण में भी मदद करता है। आयुर्वेद के अनुसार हर रोज सुबह तांबे का पानी पीने से त्वचा में बहुत फर्क आता है।
जख्म जल्दी भरते हैं।तांबे में उच्च मात्रा एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी इन्फ्लेमेटरी तत्व होने की वजह से इससे जख्म जल्दी भरते हैं। इसके अलावा तांबे से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और नई कोशिकाएं बनने में भी मदद होती है।
तांबे का पानी पीने से पेट के अंदर के जख्म भी जल्दी ठीक हो जाते हैं। तांबे का बर्तन खरीदते हुए ध्यान रखें कि वो शुद्ध तांबे से बना हो। आप तांबे का जग, लोटा या ग्लास खरीद सकते हैं। तांबे के बर्तन में जब पानी डालकर रखें तो उसे ढंकना न भूलें। तांबे के बर्तन को धोने के लिए नींबू का इस्तेमाल करें।