GK_सामान्य ज्ञान :- राजस्थान लोक संस्कृति एवं कला के बारें में।

राजस्थान की लोक संस्कृति और कला रूप यहाँ के लोगों के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत हैं। जीवंत संगीत और नृत्य से लेकर बेहतरीन हस्तशिल्प और चित्रकारी तक, राज्य की सांस्कृतिक विरासत इसके समृद्ध इतिहास और परंपराओं का प्रतिबिंब है। राजस्थान के लोक कला रूप इसके कारीगरों के कौशल और शिल्प कौशल का प्रमाण हैं। जटिल हाथ से बुने हुए वस्त्रों से लेकर जीवंत मिट्टी के बर्तनों और शानदार लघु चित्रों तक, राज्य की कलात्मक विरासत बेजोड़ है। राजाओं की भूमि राजस्थान अपनी जीवंत संस्कृति और समृद्ध कलात्मक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। रंग-बिरंगी लोक परंपराओं से लेकर शानदार महलों और किलों तक, यह राज्य इतिहास और रचनात्मकता का खजाना है। इस लेख में, हम राजस्थान की लोक संस्कृति और कला से सम्बंंधित महत्तवपूर्ण प्रश्नोत्तर जानेगे।

1. पूर्वी राजस्थानी भाषा की प्रतिनिधि बोली कितनी है- 4 ( ढूंढाड़ी, हाडोती, मेवाती, अहीरवाटी)

2. पश्चिमी राजस्थान की प्रतिनिधि गोलियां कितनी है- 4 (मारवाड़ी, मेवाड़ी, वागडी, शेखावाटी)

3. राजस्थान में गणगौर का त्योहार मनाया जाता है- चैत्र शुक्ल तृतीया को

4. गण और गौर शब्द किसका सूचक है- शिव और पार्वती का

5. सावन के महीने में मनाया जाने वाला प्रमुख त्यौहार है- तीज का त्यौहार

6. भादों माह की कृष्ण पक्ष की तीज को किस नाम से जाना जाता है- कजली तीज और सातुड़ी तीज के नाम से

7. होली के आठवें दिन कौन सा त्यौहार मनाया जाता है- शीतला अष्टमी

8. जयपुर में शीतला माता का मंदिर कहां स्थित है- शील की डूंगरी

9. उदयपुर में शीतला माता का प्रमुख मंदिर कौन सा है- वल्लभ नगर कस्बे में

10. पुष्कर मेले का आयोजन किया जाता है- कार्तिक पूर्णिमा को

11. कैला माता का मंदिर स्थित है- करौली 

12. कैला माता के सवाई माधोपुर में स्थित मेले को कहा जाता है- लक्खी मेला

13. कैला देवी का मेला मेला आयोजित होता है- चैत्र कृष्ण द्वादशी से चैत्र शुक्ल द्वादशी तक

14. महावीर जी के मेले का आयोजन होता है- चैत्र शुक्ला एकादशी से वैशाख कृष्ण द्वितीय तक

15. महावीर जी की मूर्ति का रंग कैसा है- लाल

16. दशहरा मेला कहां का प्रसिद्ध है- कोटा का

17. हरियाली अमावस्या का मेले की शुरुआत किसके शासनकाल में हुई थी - महाराणा फतेह सिंह के शासनकाल में 1899 में

18. हरियाली अमावस्या का मेला भरता है- हरियाली अमावस्या को

19. ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती कहां से भारत आए थे- इरान से

20. ख्वाजा साहब का उत्सव लगता है- रज्जब माह की 1 से 6 तारीख को अजमेर में

21. आदिवासियों का सबसे बड़ा मेला है- बेणेश्वर मेला

22. बेणेश्वर मेले का आयोजन होता है- डूंगरपुर जिले में माही जाखम और सोम नदी के संगम पर

23. बीकानेर के शासकों की अधिष्ठात्री माता कौन सी थी - करणी माता

24. खाटू श्याम जी का मेला आयोजित किया जाता है- फाल्गुन के शुक्ल पक्ष की दशमी से द्वादशी तक

25. बाबा रामदेव का मेला आयोजित किया जाता है- भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया से एकादशी तक

26. गलियाकोट का उर्स आयोजित होता है- डूंगरपुर जिले के सांग वाड़ा तहसील के गलियाकोट कस्बे में

27. गलियाकोट उर्स किसकी मजार पर होता है- फखरुद्दीन मौला की मजार

28. किस मजार को मजार-ए-फकरी कहा जाता है- फखरुद्दीन मौला की मजार को

29. दाऊदी बोहरा समाज की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है- गलियाकोट

30. राजस्थान के कौनसे लोकदेवता पंच पीरों में शामिल है- रामदेव जी, पाबूजी, मेंहाजी, हड़बूजी, गोगा जी

31. गोगा नवमी मनाई जाती है- भाद्रपद कृष्ण नवमी को

32. गोगामेडी स्थित है- हनुमानगढ़

33. तेजाजी मेले का आयोजन किया जाता है- परबतसर नागौर में

34. ऊंटों के देवता के रूप में पूजनीय लोक देवता कौन से हैं- पाबूजी

35. पाबूजी का मुख्य स्थान है- पाबू मंड

36. मीराबाई का जन्म हुआ- मेड़तिया राठौड़ वंश में कुर्की ग्राम में

37. मीराबाई का विवाह किस वंश में हुआ - सिसोदिया वंश में भोजराज से

38. दादू दयाल ने कब अकबर से भेंट की थी- 1585 फतेहपुर सीकरी में

39. विश्नोई संप्रदाय के प्रवर्तक है-  जांभोजी

40. जांभोजी का जन्म कहां हुआ-1508 की भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को पीपासर नागौर में

41. जसनाथ जी का जन्म कहां हुआ - कतरियासर बीकानेर में

42. जसनाथ जी किससे प्रभावित हुए-  गोरखनाथ जी से

43. राजस्थान के लोक संत जो स्वयं अशिक्षित रहते हुए भी लोगों में शिक्षा के अलख जगाई- श्रद्धा नाथ जी

44. श्रद्धा नाथ जी जी का संबंध किस स्थान से था- शेखावाटी से

45. श्रद्धा नाथ जी ने देह त्याग कहां पर की थी - सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ में

46. किस संत का आदर्श वाक्य है कि स्वच्छता में ही ईश्वर का निवास है- श्रद्धा नाथ जी

47. काष्ठ कला का प्रमुख केंद्र है- बस्सी चितौड़गढ़

48. लकड़ी के बेवाण, कावड़ तथा रंगाई छपाई के टप्पे कहां बनाए जाते हैं- बस्सी
चित्तौड़

49. लकड़ी के खिलौने और कठपुतली के लिए प्रसिद्ध स्थान है- उदयपुर

50. लकड़ी की मूर्तियों के लिए कौन सा स्थान प्रसिद्ध है- जेठाना डूंगरपुर

51. लकड़ी का फर्नीचर कहां का प्रसिद्ध है- शेखावाटी और बीकानेर

52. टेराकोटा के लिए प्रसिद्ध स्थान है-  मोलेला नाथद्वारा

53. टेराकोटा की वस्तुएं निर्मित की जाती है- अलवर और बाड़मेर में

54. लाख के आभूषण कहां के प्रसिद्ध है- जयपुर और जोधपुर

55. थेवा कला कहां की प्रसिद्ध है- प्रतापगढ़ की


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