पहेलियॉं: 50 रोचक एंव ज्ञानवर्धक पहेलियॉं उत्तर सहित।

          यदि हमें एक रोचक तरीके से तो सोचने और मस्तिष्क का एक्सरसाइज रखने का संकेत मिले, तो कुछ भी पहेलियों से बेहतर कोई चीज़ नहीं हो सकती है। पहेलियाँ रोचक, मनोरंजक, और ज्ञानवर्धक होती हैं। यह एक सुनहरा अवसर है जहां मनोरंजन और ज्ञान का एक अद्वितीय मेल पाया जाता है। पहेलियाँ समस्याओं का हल ढूंढ़ने और नए विचारों की खोज करने का एक सरल तरीका होती हैं। ये मस्तिष्क के विचार और सोचने का एक्सरसाइज के रूप में काम करती हैं जिससे हमारी विचार क्षमता में सुधार होता है।
                   

                           पहेलियाँ हल करने में सफल होने पर हमें आत्मविश्वास मिलता हैं। हम देखते हैं की हम किसी भी समस्या का समाधान कर सकते हैं और इससे हमारा मन प्रशंसा करने और आगे बढ़ने में प्रभावित होता हैं। पहेलियों को हल करने के लिए हमें ध्यान एवं उच्चतम स्थान की आवश्यकता होती हैं। हम इसमें खुद को अभ्यस्त करते हैं जो हमारे ब्रह्मचर्य,प्रेम, आस्था, आदि जैसे गुणों को विकसित करता हैं।पहेलियाँ हमारें दिमाग को तेज, नवीनता के उत्साह से और जिज्ञासाओं को आकार देती हैं। तो आइए हम भी जाने इन 50 पहेलियॉं के बारे में।




नही सुदर्शन चक्र मगर, मै चकरी जैसा चलता। सिर के ऊपर उल्टा लटका। फर्श पर नही उतरता।

उत्तर:- छत का पंखा



शरीर है इसका लंंबा-लंबा, मुख है कुछ-कुछ गोरा। पेट मेंं जिसके है काली डंडी, नाम लिखे हैं वो मेरा।

उत्तर:- पेंसिल

चार कुऑं बिन पानी, चोर अठारह बैठे लिए एक रानी। आया एक दारोगा लाल, कुंए मे दिया सबको डाल।

उत्तर:- कैरमबोर्ड



वह कौन है, जिसका सिर नही है, फिर भी वह टोपी पहनता हैं।

उत्तर:- बोतल

ऐसा क्या है, जो आपका अपना है, लेकिन उसका इस्तेमाल दूसरे आपसे ज्यादा करते हैं ?

उत्तर:- नाम

एक मुंह है और तीन हाथ है मेर हाथ, रहता नही कोई मेरे साथ। गोल-गोल हॅुु मैं रोज चलता, सबकी थकान मै हॅू मिटाता।

उत्तर:- पंखा

सींग है पर भेड़ नहीं, काठी हैं पर घौड़ा नही है। ब्रेक हैं पर कार नही, घंटी है पर घर का किवाड़ नही है।

उत्तर:- साईकिल

पैसा मांगता है, लड़की नहीं लेकिन पर्स रखता है। पुजारी नही, लेकिन फिर भी घंटी बजाता है।

उत्तर:- बस कंडटर

न किसी से प्यार न किसी से बैर, फिर भी नही मेरी खैर। मुझसे गानों की रोनक बढ़ती, फिर भी मुझे थप्पड़ है पड़ते।

उत्तर:- ढोलक

शुरूआत में वो हरा रहता है, बाद में वो पिला हो जाए, बच्चे हो या बूढ़े सभी उसे मजे से खाए।

उत्तर:- आम



नई सदी का नया खिलौना, सब नही चाहे इसको ले लो, बिन तार के मै जुड़ जाऊं, उससे बात करें ?

उत्तर:- मोबाइल



बताओं वो कौन सी चीज़ है जो धूप में आने पर जलने लगती है और छॉंव में आने पर मुरझा जाती है, और हवा चलने पर मर जाती है, बताओं क्या ?

उत्तर:- पसीना



पानी से पैदा होता है, पानी मे मर जाता है, भोजन से तो मेरा गहरा नाता है,बताओं तो वो क्या है?
उत्तर:- नमक



ऐसी कौन सी चीज़ है जिसे हम खाते है, लेकिन न ही उसे हम देख सकते हैं, और न ही उसे हम छू सकते हैं ?
उत्तर:- हवा



वह कौन है जो गूंगा, बहरा और अंधा है, पर बोलता हमेशा सच है ?

उत्तर:- दर्पण



करती मैं खातिरदारी, ना मीठी ना खट्टी हॅूू मै, नमकीन ना मैं तरकारी, तरल रूप है पतली काया, दूध और पानी भी है समाया, वो खुश जिसने मुझको पाया ?

उत्तर:- चाय



लाल रंग है, घर मेरा अंंग है, सबमें ही मैं पाया जाऊंं, लेकिन तब हो बड़ी मुसीबत, जब मैं कहीं बह जाऊं, हिन्दू-मुस्लिम, सिख-ईसाई, हरेक के अंदर मैं मिलता भाई ?

उत्तर:- खून



ऐसा कौन सा अपराध है जिसे करने की कोशिश की जाये तो उसकी सज़ा है पर अगर कर लिया जाये तो कोई सज़ा नही।

उत्तर:- आत्महत्या



एक बार आता जीवन में नही दाेबारा आता जो मुझको पहचान न पाता, आजीवन पछताता ?

उत्तर:- अवसर



क्रोध से सब को दु:ख देते है प्यार से सब को सुख देते हैं सच भी हम है, झूठ भी हम हैं बताओं तो हम क्या है ?
उत्तर:- शब्द



बनाने वाला उसका उपयोग नही करता, उपयोग करने वाला उसे देखता नही, देखने वाला उसे पसंद नही करता ?

उत्तर:- कफ़न



दो अक्षर का शब्द है एक, नाम एक है किस्म अनेक, नर नारी सबके मन भावे, खाने वाला नीच कहावे ?

उत्तर:- जूता



सफेद मुर्गी, हरी पूंछ तुझे न आए तो काले से पूछ बताओं ?

उत्तर:- मूली



मंदिर, मस्जिद, गिरजा, गुरूद्वारा, सभी जगह सम्मान यह पाए, पतली सी है काया जिसकी, जलती हुइ महक फैलाए ?

उत्तर :- अगरबत्ती



आंखे मूंद के खाते हैं, और खाकर पछताते हैं। जो कोई पूछे क्या था वो, तो कहते हुए शरमातें हैं।

उत्तर:- धोखा



ऊंट की बैठक हिरण सी तेज चाल वो कौन सा जानवर जिसके पूंछ न बाल

उत्तर:- मेंढक



दिन मे सोये, रात को रोये जितना रोये उतना खोये।

उत्तर:- मोमबत्ती



पैर नहीं पर चलती हूँ, कभी न राह बदलती हॅूं। नाप-नाप कर चलती हॅूं, तो भी न घर से टलती है।


उत्तर:- घड़ी



मैं अलबेला कारीगर काटू काली घास, राजा, रंक और सिपाही, सिर झुकाते मेरे पास।

उत्तर:- नाई



एक महल के दो रखवाले, दोनोंं लम्बे दोनों काले, ठाकुरों की शान है वह, मर्दो की जान है वह।

उत्तर:- मूंंछ



आज यहॉं कल वहॉं रहे, नहीं किसी के पास रूके। और रूक जाए किसी के घर, तो फिर घुमा देता है सर।
उत्तर:- पैसा


एक बादल ऐसा, जब मन आये गरजता। वैसे तो दु:ख और सुख है इसके, मौसम पर बिन मौसम भी बरसता। दु:ख का यह साथी बनता, सुख मे भी जमकर बरसता। समय की ना परवाह करे, सब के पास हर पल यूॅं ही पड़े रहे।

उत्तर:- आंसू



ऐसी कौन सी चीज़ है जो हमें अपने जीवन में दो बार तो फ्री में मिलती है। लेकिन तीसरी बार हमें पैसे देने पड़ते है।

उत्तर:- दांत



खाना कभी नहीं खाता वह, और ना ही पीता पानी। उसकी बुध्दि के आगे, हार गये बडे़-बड़े ज्ञानी।

उत्तर:- कम्प्यूटर



पानी पीकर हवा उगलता, गरमी में आता हॅू काम। सर्दी में मेरा नाम न लेना, अब बतला दो मेरा नाम।
उत्तर:- कुलर



धन-दौलत से बड़ी है यह, सब चीजों से ऊपर है यह। जाे पाए पंडित बन जाए, बिन पाए मूर्ख रह जाए।
उत्तर:- विद्या/शिक्षा/पढ़ाई



एक साथ आए दो भाई, बिन उसके बजे ना शहनाई। पीट-पीटकर मिलता संगत, उसके बिना महफ़िल मे आए ना रंगत।
उत्तर:- तबला



मुझे सुनाती सबकी नानी, प्रथम कटे तो होती हानि, बच्चे भूले खाना, पानी, एक था राजा, एक थी रानी।

उत्तर:- कहानी



एक आदमी ने एक ऊॅंगली से छह लोगों को छह सैकंड मे ऊपर पहुँचा दिया। वो न तो स्पाइडर मैन था और न ही सुपर मैन। बताओं वो कौन था ?

उत्तर:- लिफ्ट मैन

ऐसा एक अजब खजाना, जिसका मालिक बड़ा स्याना, दोनो हाथों से लुटाता, फिर भी दौलत बढती जाए बताओं क्या ?

उत्तर:- ज्ञान



तुम ना बुलाओं मैं आ जाऊंगी, न भाड़ा न किराया दूंगी, घर में हर कमरे मे रहूॅगी, पकड़ ना मुझको तुम पाओगें, मेरे बिन तुम ना रह पाओगें, बताओं मै कौन हूं?

उत्तर:-हवा/वायु



अजब तरह की है ये नारी,उसका क्या करूं मै विचार वह दिन मे डूबे पी के संग जा रहे निस बांके संग दीया जले तो वह शर्माए डर से रसकर में दूर हो जाए ?

उत्तर:-परछाई



एक चीज ऐसी कहलाए हर कोई मजबूरी मे खाए पर कैसी मजबूरी हाय खाकर भी भूखा रह जाए ?

उत्तर:- कसम



दर पर तेरे बैठा हॅू मै करने रखवाली, बोलो भैया साथ ले गए क्योंं मेरी घरवाली। बताओ क्या ?

उत्तर:- ताला



बीमार नहीं रहती, फिर भी खाती है गोली। बच्चे, बुढे़ सब डर जाते, सुन इसकी बोली।

उत्तर:- बंदुक



बोल नहीं पाती हॅूंं मैं, ओर सुन नही पाती। बिन ऑंखो के हॅूूं अंधी, पर सबको राह दिखाती।

उत्तर:- पुस्तक/किताब


हरा है आटा, जिसका लाल हैं पराठा, मिल-जूल कर सारी सखियों ने आपस मे बांटा।

उत्तर:- मेहंदी



अगर प्यास लगे तो इसको पी सकते हें, भूख लगे तो इसको खा सकते हैं। ओर अगर ठण्ड लगे तो इसको जला भी सकते है, बोलो क्या है ये चीज़ ?

उत्तर:- नारियल



वो कौनसी ऐसी चीज़ है, जिसे पानी पिलाते ही वो हर जाती है ?

उत्तर:-आग



बत्तीस ईंंटोंं के दुर्ग के भीतर, छिपी एक महारानी। हंंसकर बोले, दिलों को जीते, ऐंंठे तो याद आए नानी।

उत्तर:- जीभ


निष्कर्ष:

     पहेलिया ने जिज्ञासा जगाने, आलोचनात्मक सोच को प्रोत्साहित करने और उपलब्धि की भावना प्रदान करने की अपनी क्षमता से पूरे इतिहास में व्यक्तियों को मंत्रमुग्ध किया है। प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक दुनिया तक, ये ब्रेन टीज़र हमारी बुद्धि को उत्तेजित करते रहते हैं और अपनी रहस्यमय प्रकृति से हमें मोहित करते रहते हैं। जैसे ही हम पहेलिया की दुनिया में उतरते हैं, हम न केवल उत्तर को अनलॉक करते हैं, बल्कि अपनी स्वयं की संज्ञानात्मक क्षमताओं और उनके द्वारा अपनाई गई सांस्कृतिक विरासत की गहरी समझ भी प्राप्त करते हैं। पहेलियाँ हमारे मस्तिष्क के सर्वोत्तम पारमेश्वर हैं। ये हमें मस्तिष्क का विकास करने, नये विचारों की खोज करने, और समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने में मदद करती हैं। यह सुनहरा अवसर है जिसे हम उठा सकते हैं और अपनी बुद्धि को निखार सकते हैं।

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